Golendra Gyan

Friday, 27 March 2020




तेजस्वी कवि आज के
सैन हैं , युवा  काज  के ;
खिलाते रहे सर ताज के
हिन्दी साहित्य के लाज के!!-१

लक्ष्य के पथ जाना है मुझे
आँधी  आये  दीप  बुझे ;
फिर भी रूक नहीं सकता
मणि है साथ वही कहता!!-२

और आगे बढ़ चलो
साहित्य के घर चलो!!
आदित्य की तरह जलो
काव्य-परिवार में पलो!!-३
**काव्य-संवाद** से
रचना : २०१५
जन्म : ०५-०८-१९९९
कवि : गोलेन्द्र पटेल

No comments:

Post a Comment