Golendra Gyan

Thursday, 23 November 2023

चोकर की लिट्टी (Chokar Ki Litti ) : गोलेन्द्र पटेल (Golendra Patel)

 


चोकर की लिट्टी


मेरे पुरखे जानवर के चाम छिलते थे 

मगर, मैं घास छिलता हूँ


मैं दक्खिन टोले का आदमी हूँ

मेरे सिर पर 

चूल्हे की जलती हुई कंडी फेंकी गयी

मैंने जलन यह सोचकर बरदाश्त कर ली

कि यह मेरे पाप का फल है

(शायद अग्निदेव का प्रसाद है)


मैं पतली रोटी नहीं, 

बगैर चोखे का चोकर की लिट्टी खाता हूँ


चपाती नहीं, 

चिपरी जैसी दिखती है मेरे घर की रोटी

मैं दक्खिन टोले का आदमी हूँ


मुझे हमेशा कोल्हू का बैल समझा गया

मैं जाति की बंजर ज़मीन जोतने के लिए

जुल्म के जुए में जोता गया हूँ

मेरी ज़िंदगी देवताओं की दया का नाम है

देवताओं के वंशजों को मेरा सच झूठ लगता है

मैं दक्खिन टोले का आदमी हूँ

 

मैं कैसे किसी देवता को नेवता दूँ?

मेरे घर न दाना है न पानी

न साग है न सब्जी

न गोइंठी है न गैस

मुझे कुएँ और धुएँ के बीच सिर्फ़ धूल समझा जाता है

पर, मैं बेहया का फूल हूँ

देवी-देवता मुझे हालात का मारा और वक्त का हारा कहते हैं

मैं दक्खिन टोले का आदमी हूँ


देखो न देव, देश के देव! 

मैं अब भी चोकर का लिट्टा गढ़ रहा हूँ, 

चोकर का रोटा ठोंक रहा हूँ

क्या तुम इसे मेरी तरह ठूँस सकते हो?

मैं भाषा में अनंत आँखों की नमी हूँ

मैं दक्खिन टोले का आदमी हूँ


-गोलेन्द्र पटेल 

संपर्क :

डाक पता - ग्राम-खजूरगाँव, पोस्ट-साहुपुरी, जिला-चंदौली, उत्तर प्रदेश, भारत।

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