1).
मेरा इलाहाबाद जाने का मन नहीं है!
इलाहाबाद ने अपना नाम बदला है
मैंने नहीं,
मेरा नाम वही है, जो कल था
जिस नाम से इलाहाबाद मुझे पुकारता था
हालांकि शिक्षाव्यवस्था ने मेरे नाम को बदलने की कोशिश की
मेरे मना करने पर भी
उसने मेरा नाम बदल दिया
अब मुझे कई उपनामों से जाना जाता है
भले ही वे उपनाम मुझे स्वीकार नहीं हैं
मैं अपने उपनामों से पुकारने पर नहीं सुनता हूँ
मुझे अपने पहले नाम से असीम प्यार है, इलाहाबाद!
शायद तुम्हारा नाम भी किसी व्यवस्था ने बदला है
और तुमने वह नाम सहजता से स्वीकार कर लिया
ताकि मैं तुम्हें पहचान न सकूँ
मुझे घटनाएँ याद हैं प्रयागराज!
एक दो नहीं, सब याद हैं
मैं तुम्हें भीतर तक पहचान रहा हूँ
तुम्हारी शक्ल बरछी की तरह चुभ रही है मेरे हृदय में
मैं तुमसे नाराज़ हूँ न!
मेरा तुम्हारे यहाँ आने का मन नहीं है!
■
2).
हिचकी तो है!
इलाहाबाद! पिछले पाँच सालों में
मैंने तुम्हें कभी याद नहीं की
पर, इस पीएचडी प्रवेश परीक्षा ने तो तुम्हारी याद करा दी
क्या सच में तुम बदल गये हो?
या सिर्फ़ तुम्हारा नाम बदला है?
क्या तुम सच में मुझे याद कर रहे हो?
या कोई और?
हिचकी तो है!
(©गोलेन्द्र पटेल / 04-11-2023)
संपर्क :
डाक पता - ग्राम-खजूरगाँव, पोस्ट-साहुपुरी, जिला-चंदौली, उत्तर प्रदेश, भारत।
पिन कोड : 221009
व्हाट्सएप नं. : 8429249326
ईमेल : corojivi@gmail.com
No comments:
Post a Comment