युवा कवि-लेखक, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक चिंतक गोलेन्द्र पटेल के महत्त्वपूर्ण कथन :-
1. “तुम्हें कोई मोटिवेशनल कोटेशन कब तक प्रेरित करेगा, तुम ख़ुद ख़ुद का स्थायी प्रेरणा बनो!”
2. “संघर्ष शत-प्रतिशत समर्पण माँगता है।”
3. “सफलता के पीछे दुनिया भागती है, पर सफलता सार्थकता के पीछे भागती है, इसलिए सफल होने से ज़्यादा महत्त्वपूर्ण है सार्थक होना।”
4. “असफलताएं जितना ज़्यादा निराश करती हैं, उतना ज़्यादा निखारती हैं।”
5. “व्यक्तित्व में सामंजस्य या समन्वय का नहीं, समानता का भाव होना चाहिये।”
6. “अनुभव अद्वितीय आचार्य है, अर्थात् अनुभव सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है।”
7. “अन्वेषण और अनुसंधान के लिए आत्मविश्वास आवश्यक है और आत्मविश्वास के लिए आत्मज्ञान और आत्मज्ञान के लिए आत्मालोचन और आत्मालोचन के लिए अंतर्दृष्टि।”
8. “सपने तभी सच होते हैं, जब वे प्रेरणास्रोत बन जाते हैं।”
9. “साहस अटूट विश्वास का नाम है।”
10. “अपने चित्त को किसी का शिष्य बनाने से अच्छा है कि आप अपनी चेतना का चेला बनें, क्योंकि चेतना वह चिराग़ हो, जो कभी नहीं बुझती।”
11. “परिस्थितियाँ चाहें कितनी विपरीत क्यों न हों, प्रज्ञात्मक अनुभूति कभी साथ नहीं छोड़ती।”
12. “बिना दृढ़ संकल्प, बिना मेहनत, बिना संघर्ष की सफलता अस्थायी होती है।”
13. “नींद मृत्यु ही नहीं, पुनर्जीवन की जननी भी है!”
14. “जीतने के लिए ज़िद्दी होना ज़रूरी है।”
15. “सकारात्मक सोच सफलता की कुंजी है।”
16. “अच्छी ज़िन्दगी के लिए किताबें पूरा साथ चाहती हैं।”
17. “वाणी में विनम्रता धैर्यवान होने की कसौटी है।”
18. “धैर्य लक्ष्य के पथ का पथिक है।”
19. “सपने तभी बड़े होते हैं, जब सोच बड़ी होती है।”
20. “कर्म से ही इंसान का स्टेटस है।”
21. “दूसरों से बेहतर बनने से अच्छा है कि हर दिन ख़ुद से बेहतर बनें।”
22. “शिक्षा इसलिए ग्रहण करो कि दुनिया तुम्हें ग्रहण करें।”
23. “दुनिया दोस्ती और दुख से बहुत छोटी है।”
24. “मानव योनि में जन्म लेने से कोई मनुष्य नहीं होता है, मनुष्य होने के लिए भीतर की मानवता को जगाना ज़रूरी है।”
25. “प्रकाश के तीन स्रोत हैं अग्नि, चेतना और शब्द और इन तीनों का स्रोत है जीवन, इसलिए जीवन को पढ़ें।”
26. “जान है, तो ज्ञान है, इसलिए सेहत को शिक्षा से कम न समझें।”
27. “कविता आत्मा की औषधि है।”
28. “आस्था और तर्क एकसाथ नहीं रह सकते। यदि कोई आस्थावादी कहता है कि वह तर्कवादी है, तो वह तुम्हें नहीं, ख़ुद को बेवकूफ़ बना रहा है।”
29. “प्रगतिशील होने की पहली शर्त है व्यवहार में जाति संस्कार से मुक्त होना।”
30. “साहित्य पढ़ने से हमारी चेतना का विकास ही नहीं होता, बल्कि हम थोड़े और मनुष्य भी होते हैं।”
31. “चेतना का विकास दुनिया के हर विकास से महान है।”
32. “चेतना चिरंजीवी चिराग़ है।”
33. “साहित्य जनसेवा की सीख देता है।”
34. “इंसानियत से बड़ा कोई ईश्वर नहीं है।”
35. “दूसरों की मदद करना, बेहतर इंसान होना है।”
36. “प्रेम उदात्तावस्था में भक्ति है।”
37. “भाषा दुःख को सँभाल लेती है।”
38. “सहजता संतोन्मुखी है, इसलिए सहज होना आसान नहीं है।”
39. “सत्य बोलने वाले आसानी से झूठ नहीं बोलते हैं।”
40. “फल हो या चरित्र, दाग लगने पर दाम घट जाता है।”
41. “महापुरुषों के पुजारी नहीं, पाठक बनें।”
42. “स्टार नहीं, चाँद-सूरज बनिये, क्योंकि स्टार सिर्फ़ दिशा बताते हैं, राह के काँटें, साँप, बिच्छू, गोजर नहीं।”
43. “सफलता की ओर जाने वाली सड़क उबड़-खाबड़ होती है।”
44. “नींद से लड़े बिना नयी ज़िन्दगी नहीं मिलती।”
45. “कामयाबी सच्ची ख़ुशी नहीं है, लेकिन इसे पाना हर कोई चाहता है, क्योंकि यह एक ख़ूबसूरत पल है।”
46. “यथाशीघ्र लक्ष्य तभी प्राप्त होता है, जब आप निरंतर चलते हैं।”
47. “बड़े सपने, बड़ा संघर्ष चाहते हैं।”
48. “भविष्य में लग्जरियस लाइफ के लिए लाइब्रेरी जाना चाहिये।”
49. “लाइब्रेरी में बैठा व्यक्ति पूरी दुनिया का चक्कर लगता है।”
50. “लाइब्रेरी में शांति बनाये रखने वाले दुनिया में शांति कायम करते हैं।”
51. “जुनून इंसान को जुगनू नहीं, सूर्य बनाता है।”
52. “हर किसी में एक प्रतिभा है, बस उसे पहचानने की ज़रूरत है।”
53. “प्रतिभा को छिपाना नहीं, प्रकाशित करना चाहिये।”
54. “जिज्ञासा नई खोज की जननी है।”
55. “उत्सुकता की हद से गुज़रे बिना कुछ नया नहीं किया जा सकता।”
56. “फ़ेल होना, असफल होना नहीं, बल्कि कुछ बेहतर करना है।”
57. “फेलियर का अनुभव किसी आचार्य से कम नहीं है, इसलिए उसे सच्चे मन से सुनें।”
58. “हर यात्रा हमें समृद्ध करती है।”
59. “उल्टा-सीधा स्टूपिड सा प्रश्न पूछना, नयी खोज का पहला चरण है।”
60. “एक किताब के बाद एक किताब ही शक्ति है, किताबें बिना पैरों की लंबी दूरी तय करती हैं, किताबों की आब से दुनिया में रोशनी है, किताबें हमें सफल और सार्थक बनाती हैं।”
संपर्क: गोलेन्द्र पटेल (पूर्व शिक्षार्थी, काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी।/जनपक्षधर्मी कवि-लेखक, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक चिंतक)डाक पता - ग्राम-खजूरगाँव, पोस्ट-साहुपुरी, तहसील-मुगलसराय, जिला-चंदौली, उत्तर प्रदेश, भारत।
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