नींद का विज्ञान : सेहत और सृजन
—गोलेन्द्र पटेल
नींद—
केवल आँखों में उतरता अंधकार नहीं,
यह शरीर का मौन चिकित्सक है,
हर कोशिका का प्रयोगशाला,
हर विचार का पुनर्जन्म।
रात ढलते ही
मस्तिष्क अपनी कार्यशाला खोलता है—
थके न्यूरॉनों की जालियाँ
सपनों के तरल में धुलती हैं।
स्मृति के बिखरे टुकड़े
नये अनुशासन में जुड़ते हैं,
ध्यान की पहेली
धीरे-धीरे हल होती है।
पर जब नींद अधूरी रह जाती है—
अधजले रसायनों से भर जाता है मस्तिष्क,
हृदय की धड़कनें असमंजस में,
धमनियाँ तनाव से काँपतीं,
रक्तचाप का अदृश्य चाकू
शरीर को भीतर से काटता है।
अपर्याप्त विश्राम—
चयापचय को अव्यवस्थित करता है,
वजन की परतें बोझ बनती हैं,
इंसुलिन का अनुशासन टूटता है,
मधुमेह भविष्य पर कब्ज़ा करता है।
प्रतिरक्षा भी
नींद की गोद पर निर्भर है।
साइटोकाइन्स घटते हैं,
टी-सेल्स सो जाते हैं,
संक्रमणों की आँधी
शरीर को असुरक्षित छोड़ देती है।
मस्तिष्क—
जहाँ विचार की ज्वाला जलती है,
वहाँ नींद के बिना
सिर्फ धुआँ बचता है।
स्मृति धुंधला जाती है,
निर्णय ग़लत होते हैं,
सीखना थम जाता है।
हिप्पोकैम्पस सिकुड़ता है,
प्रिफ्रंटल कोर्टेक्स सुस्त हो जाता है।
और हाँ—
दर्द की तीव्रता बढ़ती है,
नसें जैसे नंगे तार हो जाएँ।
नींद का अभाव—
अवसाद की काली लहर,
चिंता का चक्रव्यूह।
सेरोटोनिन की सूखी नदी,
डोपामाइन की कमी,
अमिग्डाला की अतिसक्रियता,
ग़ाबा की शांति छिनती।
यौन जीवन भी इससे अछूता नहीं—
टेस्टोस्टेरोन घटता है,
इच्छाएँ राख में बदलती हैं,
थका शरीर केवल विश्राम चाहता है,
संबंधों की ऊष्मा ठंडी पड़ जाती है।
दुर्घटनाएँ भी
इसी गणित से जुड़ी हैं।
एक क्षण की ऊँघ
जीवन और मृत्यु का फ़ासला तय कर देती है।
दिन की सुस्ती,
रिएक्शन टाइम की देरी,
कार्यक्षमता का पतन।
विज्ञान कहता है—
स्वस्थ वयस्क को चाहिए
सात से नौ घंटे की गहरी नींद।
आरईएम की परतें,
डेल्टा वेव्स की गहराई,
यही शरीर का पुनर्निर्माण है।
बच्चों को चाहिए अधिक,
किशोरों को विकास हेतु,
एथलीटों को पुनःस्फूर्ति हेतु।
नींद आलस्य नहीं,
जीवन का मौन रसायन है।
यदि आप हृदय सुरक्षित रखना चाहते हैं,
मस्तिष्क को तीक्ष्ण,
स्मृति को सजीव,
ऊर्जा को अक्षुण्ण—
तो नींद को संजोइए।
सुनो अपने शरीर की फुसफुसाहट—
नियमित रिदम बनाओ,
सर्कैडियन घड़ी का मान रखो।
नीली रोशनी से बचो,
कैफीन की बेड़ियाँ तोड़ो।
संदेह हो तो चिकित्सक से मिलो—
स्लीप एप्निया, अनिद्रा का इलाज खोजो।
याद रखो—
नींद स्वास्थ्य का आधार है,
उसकी कमी मृत्यु का निमंत्रण,
पूर्णता जीवन का उत्सव।
★★★
♣ कठिन शब्दों का मतलब:-
1. न्यूरॉन – मस्तिष्क और नसों की मूल कोशिका (संदेशवाहक)।
2. चयापचय (Metabolism) – शरीर में ऊर्जा और पदार्थों का बनने-टूटने की प्रक्रिया।
3. इंसुलिन – हार्मोन, जो रक्त में शुगर नियंत्रित करता है।
4. साइटोकाइन्स – प्रोटीन, जो रोग-प्रतिरोधक संदेश पहुँचाते हैं।
5. टी-सेल्स – प्रतिरक्षा कोशिकाएँ, जो संक्रमण से लड़ती हैं।
6. हिप्पोकैम्पस – मस्तिष्क का भाग, याददाश्त और सीखने से जुड़ा।
7. प्रिफ्रंटल कोर्टेक्स – मस्तिष्क का आगे का हिस्सा, निर्णय और योजना बनाता है।
8. सेरोटोनिन – रसायन, मनोदशा और नींद नियंत्रित करता है।
9. डोपामाइन – रसायन, सुख, प्रेरणा और पुरस्कार की भावना देता है।
10. अमिग्डाला – मस्तिष्क का भाग, डर और भावनाओं को नियंत्रित करता है।
11. ग़ाबा (GABA) – मस्तिष्क का शांत करने वाला रसायन।
12. टेस्टोस्टेरोन – पुरुष यौन हार्मोन (शक्ति, यौन इच्छा, मांसपेशी वृद्धि)।
13. आरईएम (REM Sleep) – नींद का चरण, जब सपने आते हैं।
14. डेल्टा वेव्स – गहरी नींद के समय मस्तिष्क की धीमी तरंगें।
15. सर्कैडियन – शरीर की 24 घंटे की जैविक घड़ी।
16. कैफीन – उत्तेजक रसायन (कॉफी/चाय में), नींद भगाता है।
17. स्लीप एप्निया – नींद में सांस रुक-रुक कर चलने की समस्या।
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रचनाकार: गोलेन्द्र पटेल (युवा कवि-लेखक, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक चिंतक)
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