सैन हैं , युवा काज के ;
खिलाते रहे सर ताज के
हिन्दी साहित्य के लाज के!!-१
लक्ष्य के पथ जाना है मुझे
आँधी आये दीप बुझे ;
फिर भी रूक नहीं सकता
मणि है साथ वही कहता!!-२
और आगे बढ़ चलो
साहित्य के घर चलो!!
आदित्य की तरह जलो
काव्य-परिवार में पलो!!-३
**काव्य-संवाद** से
रचना : २०१५
जन्म : ०५-०८-१९९९
कवि : गोलेन्द्र पटेल
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