Saturday, 14 January 2023

गोलेन्द्र पटेल की कुछ कविताएँ

पशु, पक्षी, पेड़, पौधे, नदी, जंगल, पर्वत, पहाड़, पठार

सागर, सुर, असुर, रीछ, नाग, नर, वानर, किन्नर, किरात

विद्याधर, यक्ष, गंधर्व आदि सभी को मेरा सादर नमस्कार!

-गोलेन्द्र पटेल

"भाषा सौंदर्यबोध की अभिव्यक्ति की सृजनात्मक शक्ति है।" -गोलेन्द्र पटेल



गोलेन्द्र पटेल की कुछ कविताएँ :-


1).


आकाश नापना


बाज़ो! तुम्हारी तरह

मुझे उड़ने की ज़रूरत नहीं है

मैं तो वामन हूँ

धरती से ही पूरा आकाश नाप सकता हूँ!


2).


परिस्थिति, पुल और पोत


प्रिये! प्रतिकूल परिस्थितियों...

जैसे यदि तुम्हारी यात्रा में

बाधा नदी बनेगी

तो मैं पोत नहीं,

पुल बनूँगा

यदि बाधा सागर बनेगा

तो मैं पुल नहीं,

पोत बनूँगा!


3).

क्या मैंने बुरा किया!


मेरे एक मित्र ने कई अच्छी रचनाएँ लिखीं

लेकिन वे उसे एक भी रोटी न दे सकीं

वह भूख से मर गया


मैंने एक अश्लील रचना लिखी

और कई लोगों को भूखे मरने से बचा लिया

क्या मैंने बुरा किया!


4).


झुरा


झुरा में सैंता गया

गोबर

बरसात भर

चूल्हा में जलता है


जैसे हिमालय

चिंता में गलता है!


5).

ख़िरद छिटना


खेत में खाद नहीं, 

ख़ूबसूरत ख़िरद छिट रही हूँ

फेंक रही हूँ खीज

उछाल रही हूँ ख़ुद को

और सोच रही हूँ

कि घास पर

गिरीं ओस की बूँदें

क्या मेरे आँसू हैं

या कोई नयी चीज़!


6).

आँच और आर्द्रता


धूप में चमकती चीज़ काया नहीं ,

काँच है ;

इस ठंड में

मुझे शब्द से ज़्यादा

ख़ूबसूरत कुछ और नहीं लगता

क्योंकि उसमें आर्द्रता नहीं ,

आँच है !


7).

उत्साह का उत्स


रविवार से सोमवार तक

समय को 

कार्य में रूपांतरित करना

मुश्किल है ;

लेकिन यह संभव है

क्योंकि उत्साह का उत्स

दिमाग नहीं , दिल है !


8).

सेतु


यदि दो शिक्षक के संबंध

नदी के दो छोर हों

तो शिष्य 

उनके बीच सेतु की 

भूमिका में हो सकते हैं

बशर्ते सेतु का उद्घाटन

सत्ता नहीं , शब्द करे

या फिर

जो दुःख हरे!


9).

गाली


शिक्षित हूँ मगर 

मैं दलित हूँ

मेरी बस्ती गाँव के दक्खिन में है


आज आप अपनी ज़बान की

सबसे गंदी गाली मुझे दे सकते हैं

यदि आपको कोई गाली आती है ,

तो मुझे ज़रूर दें !

स्वागत है !...


मैं सुनना चाहता हूँ

वही गालियाँ

जिनसे मेरी पुरखिनों के पेट फूलते थे!


10).

उपस्थित हैं!


एक अहिल्या थी

जिसे राम ने तारा

एक द्रौपदी थी

जिसे कृष्ण ने उबारा

एक आम्रपाली थी

जिसे बुद्ध ने दिया 

मुक्ति का मंत्र


फिर भी आज 

समाज में तीनों उपस्थित हैं!


11).



चिट्ठी


पोस्टमैन!

पवन दूत नहीं

पतंग पहुँचाएगी

मेरी चिट्ठी! 


12).

किसान कवि


मैं वही किसान कवि हूँ

जिसके धान के खेतों को

आसमान में अगोर रहे हैं विद्रोही

और धरती पर

त्रिलोचन!


13).


मित्रता और मुहब्बत


मैंने तुमसे मित्रता की

मगर तुमने मुझसे मुहब्बत कर ली

अब जब तुम पंचतत्व में विलीन हो चुकी हो

तो मैंने तुम्हारी स्मृति को 

प्रेम की संज्ञा दी!


14).

मूर्दा मुस्कान


जान!

यह तो मूर्दा मुस्कान है


तुम्हारे साथ

मेरी हँसी चली गयी! 


14).

यह


अजीब है समय का खेल

यह जो महुआ बीनती हुई

महिला की पीठ पर बच्चा है

यह कोई और नहीं , 

मैं हूँ

यानी गोलेन्द्र पटेल

और यह महिला

मेरी माँ है !



परिचई :-

नाम : गोलेन्द्र पटेल

उपनाम/उपाधि : 'गोलेंद्र ज्ञान' , 'युवा किसान कवि', 'हिंदी कविता का गोल्डेनबॉय', 'काशी में हिंदी का हीरा', 'आँसू के आशुकवि', 'आर्द्रता की आँच के कवि', 'अग्निधर्मा कवि', 'निराशा में निराकरण के कवि', 'दूसरे धूमिल', 'काव्यानुप्रासाधिराज', 'रूपकराज', 'ऋषि कवि',  'कोरोजयी कवि', 'आलोचना के कवि' एवं 'दिव्यांगसेवी'।
जन्म : 5 अगस्त, 1999 ई.
जन्मस्थान : खजूरगाँव, साहुपुरी, चंदौली, उत्तर प्रदेश।
शिक्षा : बी.ए. (हिंदी प्रतिष्ठा) व एम.ए. (अध्ययनरत), बी.एच.यू.।
भाषा : हिंदी व भोजपुरी।
विधा : कविता, नवगीत, कहानी, निबंध, नाटक, उपन्यास व आलोचना।
माता : उत्तम देवी
पिता : नन्दलाल

पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन :

कविताएँ और आलेख -  'प्राची', 'बहुमत', 'आजकल', 'व्यंग्य कथा', 'साखी', 'वागर्थ', 'काव्य प्रहर', 'प्रेरणा अंशु', 'नव निकष', 'सद्भावना', 'जनसंदेश टाइम्स', 'विजय दर्पण टाइम्स', 'रणभेरी', 'पदचिह्न', 'अग्निधर्मा', 'नेशनल एक्सप्रेस', 'अमर उजाला', 'पुरवाई', 'सुवासित' ,'गौरवशाली भारत' ,'सत्राची' ,'रेवान्त' ,'साहित्य बीकानेर' ,'उदिता' ,'विश्व गाथा' , 'कविता-कानन उ.प्र.' , 'रचनावली', 'जन-आकांक्षा', 'समकालीन त्रिवेणी', 'पाखी', 'सबलोग', 'रचना उत्सव', 'आईडियासिटी', 'नव किरण', 'मानस',  'विश्वरंग संवाद', 'पूर्वांगन' आदि प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रमुखता से प्रकाशित।

विशेष : कोरोनाकालीन कविताओं का संचयन "तिमिर में ज्योति जैसे" (सं. प्रो. अरुण होता) में मेरी दो कविताएँ हैं और "कविता में किसान" (सं. नीरज कुमार मिश्र एवं अमरजीत कौंके) में कविता।

ब्लॉग्स, वेबसाइट और ई-पत्रिकाओं में प्रकाशन :-

गूगल के 100+ पॉपुलर साइट्स पर - 'कविता कोश' , 'गद्य कोश', 'हिन्दी कविता', 'साहित्य कुञ्ज', 'साहित्यिकी', 'जनता की आवाज़', 'पोषम पा', 'अपनी माटी', 'द लल्लनटॉप', 'अमर उजाला', 'समकालीन जनमत', 'लोकसाक्ष्य', 'अद्यतन कालक्रम', 'द साहित्यग्राम', 'लोकमंच', 'साहित्य रचना ई-पत्रिका', 'राष्ट्र चेतना पत्रिका', 'डुगडुगी', 'साहित्य सार', 'हस्तक्षेप', 'जन ज्वार', 'जखीरा डॉट कॉम', 'संवेदन स्पर्श - अभिप्राय', 'मीडिया स्वराज', 'अक्षरङ्ग', 'जानकी पुल', 'द पुरवाई', 'उम्मीदें', 'बोलती जिंदगी', 'फ्यूजबल्ब्स', 'गढ़निनाद', 'कविता बहार', 'हमारा मोर्चा', 'इंद्रधनुष जर्नल' , 'साहित्य सिनेमा सेतु' , 'साहित्य सारथी' , 'लोकल ख़बर (गाँव-गाँव शहर-शहर ,झारखंड)', 'भड़ास', 'कृषि जागरण' ,'इंडिया ग्राउंड रिपोर्ट', 'सबलोग पत्रिका', 'वागर्थ', 'अमर उजाला', 'रणभेरी', 'हिंदुस्तान', 'दैनिक जागरण', 'परिवर्तन' इत्यादि एवं कुछ लोगों के व्यक्तिगत साहित्यिक ब्लॉग्स पर कविताएँ प्रकाशित हैं।

लम्बी कविता : तुम्हारी संतानें सुखी रहें सदैव

प्रसारण : 'राजस्थानी रेडियो', 'द लल्लनटॉप' एवं अन्य यूट्यूब चैनल पर (पाठक : स्वयं संस्थापक)

अनुवाद : नेपाली में कविता अनूदित

काव्यपाठ : अनेक राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय काव्यगोष्ठियों में कविता पाठ।

सम्मान : अंतरराष्ट्रीय काशी घाटवॉक विश्वविद्यालय की ओर से "प्रथम सुब्रह्मण्यम भारती युवा कविता सम्मान - 2021" , "रविशंकर उपाध्याय स्मृति युवा कविता पुरस्कार-2022" और अनेकानेक साहित्यिक संस्थाओं से प्रेरणा प्रशस्तिपत्र प्राप्त हुए हैं।

मॉडरेटर : 'गोलेन्द्र ज्ञान' , 'ई-पत्र' एवं 'कोरोजीवी कविता' ब्लॉग के मॉडरेटर और 'दिव्यांग सेवा संस्थान गोलेन्द्र ज्ञान' के संस्थापक हैं।

संपर्क :
डाक पता - ग्राम-खजूरगाँव, पोस्ट-साहुपुरी, जिला-चंदौली, उत्तर प्रदेश, भारत।
पिन कोड : 221009
व्हाट्सएप नं. : 8429249326
ईमेल : corojivi@gmail.com
■■■★★★■■■

--Golendra Patel
BHU , Varanasi , Uttar Pradesh , India

धन्यवाद!

■■★★■■

(दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के लिए अनमोल ख़ज़ाना)

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