Tuesday, 9 September 2025

"हद से ज़्यादा" और "हद से अधिक" में अंतर

"हद से ज़्यादा" और "हद से अधिक" — दोनों ही व्याकरण की दृष्टि से सही और प्रचलित हैं, लेकिन इनमें सूक्ष्म अंतर है:


1. हद से ज़्यादा :-

यह रोज़मर्रा की बातचीत और भावपूर्ण हिंदी/उर्दू में ज़्यादा प्रचलित है। इसमें सहजता और भावनात्मकता अधिक झलकती है। उदाहरण: "वह हद से ज़्यादा भावुक हो गया।"


2. हद से अधिक :-

यह अपेक्षाकृत औपचारिक और साहित्यिक/लेखन की भाषा में प्रयुक्त होता है। इसमें गंभीरता और तटस्थता अधिक होती है। उदाहरण: "इस प्रयोग में हद से अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होगी।"


इसलिए चुनाव प्रसंग पर निर्भर करता है :-

अगर आप सामान्य कथन या बातचीत का भाव रखना चाहते हैं → "हद से ज़्यादा"


अगर आप औपचारिक, निबंधात्मक या साहित्यिक शैली चाहते हैं → "हद से अधिक"


❝ अतिशयोक्तिपूर्ण प्रशंसा प्रतिभा को परिष्कृत नहीं करती, बल्कि नष्ट कर देती है। इसलिए जब कोई हद से अधिक प्रशंसा करे, तो सावधान हो जाना चाहिए। प्रतिभा को पुरखों से प्रेरणा और प्रतिक्रिया, दोनों एकसाथ ग्रहण करनी चाहिए, क्योंकि केवल प्रेरणा या केवल प्रतिक्रिया ग्रहण करने से प्रतिभा परिष्कृत नहीं होती। ❞ — गोलेन्द्र पटेल 

★★★


टिप्पणीकार: गोलेन्द्र पटेल (पूर्व शिक्षार्थी, काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी।/ बहुजन कवि, जनपक्षधर्मी लेखक, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक चिंतक)
डाक पता - ग्राम-खजूरगाँव, पोस्ट-साहुपुरी, तहसील-मुगलसराय, जिला-चंदौली, उत्तर प्रदेश, भारत।
पिन कोड : 221009
व्हाट्सएप नं. : 8429249326
ईमेल : corojivi@gmail.com




No comments:

Post a Comment

"हद से ज़्यादा" और "हद से अधिक" में अंतर

"हद से ज़्यादा" और "हद से अधिक" — दोनों ही व्याकरण की दृष्टि से सही और प्रचलित हैं, लेकिन इनमें सूक्ष्म अंतर है: 1. हद स...