Wednesday, 11 March 2020



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पहलगाम (कविता) : गोलेन्द्र पटेल

  पहलगाम हमें बाँटने, काँटने, लड़ाने की कोशिशें जारी हैं  बेहद दुखद है इस वक्त भाषा से भूगोल तक  चीख़ और चुप्पी के बीच  आँसू की ऊँची अनुगूँज...