Wednesday, 11 March 2020
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जनविमुख व्यवस्था के प्रति गहरे असंतोष के कवि हैं संतोष पटेल
जनविमुख व्यवस्था के प्रति गहरे असंतोष के कवि हैं संतोष पटेल साहित्य वह कला है, जो मानव अनुभव, भावनाओं, विचारों और जीवन के विभिन्न पहलुओं ...
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हिन्दी कविता में स्तन : गोलेन्द्र पटेल साहित्य, संगीत, सिनेमा एवं कला में स्तनों के प्रति सम्मानपूर्ण दृष्टिकोण रखना और उनकी शारीरिक, भावनात...
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तुझसे डर नहीं मृत्यु आसमान नीचे देख रहा है फूल की व्यथा रंग नहीं, गंध कहती है खेत की आत्मकथा कलम से नहीं, कुदाल से लिखी जाती है किस के ह...
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किन्नर पर केंद्रित आठ कविताएँ : गोलेन्द्र पटेल 1). कविता में किन्नर प्रिय दोस्त! न स्त्री न पुरुष न ही अर्द्धनारीश्वर हो तुम तुम कविता म...
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