Friday, 27 March 2020


**ओह और छी**
कविता

दो अव्यय की

स्त्री
बात बात में
बोलती छी!
पुरुष

बोलता ओह!


-गोलेन्द्र पटेल

No comments:

Post a Comment

कवि रामेश्वर : जीवन, साहित्य और वैचारिक यात्राएँ || तू कहता कागद की लेखी, मैं कहता आँखिन की देखी

कवि रामेश्वर : जीवन, साहित्य और वैचारिक यात्राएँ जन्म और प्रारंभिक जीवन :- कवि रामेश्वर का जन्म १६ जुलाई १९४४ को उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनप...