पहली महिला IAS.
आज बात भारत की पहली महिला आईएएस की। अन्ना राजम मल्होत्रा को देश की पहली आईएएस माना जाता है। वह सचिवालय में पद प्राप्त करने वाली भी पहली महिला थीं।इस प्रेरक, दृढ़ और हठीली ईमानदार महिला की एक प्रेरणादायक कहानी है.उनका जन्म जुलाई 1927 में केरल के एर्नाकुलम जिले में हुआ था और तब उनका नाम अन्ना जॉर्ज था।कोझिकोड में स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद वह चेन्नई चली गईं ताकि मद्रास विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा ग्रहण कर सकें।मल्होत्रा 1951 में भारतीय सिविल सेवा में शामिल हुईं और मद्रास कैडर चुना।उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री सी. राजगोपालाचारी के नेतृत्व में मद्रास राज्य में सेवा दी थी।बताया जाता है कि उन्होंने तमिलनाडु के सात मुख्यमंत्रियों के मातहत काम किया था। दिल्ली में 1982 में एशियाई खेलों का प्रभारी होने के दौरान राजीव गांधी के साथ उन्होंने निकटता से काम किया था। 1952 में उन्होंने पंडित नेहरू को एशियाड सम्मेलन में असिस्ट भी किया था, वो इंदिरा गांधी के साथ फूड प्रोडक्शन पैटर्न को समझने के लिए आठ राज्यों की यात्रा पर भी गई थीं. साल 1989 में उन्हें पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया।उनकी शादी आर. एन. मल्होत्रा से हुई थी जो 1985 से 1990 तक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर रहे थे।उन्हें मुंबई के नजदीक देश के आधुनिक बंदरगाह जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) की स्थापना में योगदान के लिए जाना जाता है।अन्ना 1951 के उस दौर में सिविल सेवा के लिए सेलेक्ट हुई जिस समय औरतों को शिक्षा और नौकरी के लिए रोका जाता था। परन्तु अन्ना अपने दृढ निश्चय और संकल्प पर अड़ी रहीं।राजगोपालाचारी से ले कर राजीव गाँधी के साथ काम किया। वह पितृसत्तात्मक दृष्टिकोण ( patriarchal outlook) के अगेंस्ट लड़ी और एक ईमानदार IAS अफसर के रूप में जानी जाती थी। उनका निधन 92 साल की उम्र में 28 सितम्बर 2018 को हुआ।
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आज बात भारत की पहली महिला आईएएस की। अन्ना राजम मल्होत्रा को देश की पहली आईएएस माना जाता है। वह सचिवालय में पद प्राप्त करने वाली भी पहली महिला थीं।इस प्रेरक, दृढ़ और हठीली ईमानदार महिला की एक प्रेरणादायक कहानी है.उनका जन्म जुलाई 1927 में केरल के एर्नाकुलम जिले में हुआ था और तब उनका नाम अन्ना जॉर्ज था।कोझिकोड में स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद वह चेन्नई चली गईं ताकि मद्रास विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा ग्रहण कर सकें।मल्होत्रा 1951 में भारतीय सिविल सेवा में शामिल हुईं और मद्रास कैडर चुना।उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री सी. राजगोपालाचारी के नेतृत्व में मद्रास राज्य में सेवा दी थी।बताया जाता है कि उन्होंने तमिलनाडु के सात मुख्यमंत्रियों के मातहत काम किया था। दिल्ली में 1982 में एशियाई खेलों का प्रभारी होने के दौरान राजीव गांधी के साथ उन्होंने निकटता से काम किया था। 1952 में उन्होंने पंडित नेहरू को एशियाड सम्मेलन में असिस्ट भी किया था, वो इंदिरा गांधी के साथ फूड प्रोडक्शन पैटर्न को समझने के लिए आठ राज्यों की यात्रा पर भी गई थीं. साल 1989 में उन्हें पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया।उनकी शादी आर. एन. मल्होत्रा से हुई थी जो 1985 से 1990 तक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर रहे थे।उन्हें मुंबई के नजदीक देश के आधुनिक बंदरगाह जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) की स्थापना में योगदान के लिए जाना जाता है।अन्ना 1951 के उस दौर में सिविल सेवा के लिए सेलेक्ट हुई जिस समय औरतों को शिक्षा और नौकरी के लिए रोका जाता था। परन्तु अन्ना अपने दृढ निश्चय और संकल्प पर अड़ी रहीं।राजगोपालाचारी से ले कर राजीव गाँधी के साथ काम किया। वह पितृसत्तात्मक दृष्टिकोण ( patriarchal outlook) के अगेंस्ट लड़ी और एक ईमानदार IAS अफसर के रूप में जानी जाती थी। उनका निधन 92 साल की उम्र में 28 सितम्बर 2018 को हुआ।
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