Friday, 27 March 2020


मेरे "घास" काव्य संग्रह में निम्नलिखित कविताएँ सम्मलित हैं :-
मोथा,दूब, सेवई ,मकरा, जनेव, लहसुआ, गड़नी , चिचिहड़ी, मुरेन, महकऊँआ, कुशा,पतलो, शरपट, बजरंगी, करेमू, जलकुम्भी, कुमुदिनी, कमल, निनावा, नईया, भंगरइला, भटकईया, कुकुरमुत्ता,चकवर,पथरी, सिंघाडा,चरी,बरसींग, केना,सेवाँर, अँकरी,सोहा,पालक, बथुआ, बलगेहुँआ, घोड़जऊवा, सिरहारी, मेथी, चौराई,धनिया, हरापुदीना, पेहटूल,फूलनवा, मकोएँ, कोआ,तुलसी,धतुर,लेड़ी/रेड़ी,गठजोड़,केला, हरदी,झरबईल-बेर,बाँस, घास।
https://youtu.be/0Pzj0dAYBTE
खेती कविता :-तुलसी, नीम,आम,अमरूद, बेल, बेर,कदंब, कटहर, बड़हर,भण्टा,टमाटर, मटर, चना, तीसी, सरसों, धान, गेहूं, बाजरा, मक्का, नेनुआ, करैला, केदुआ,लौकी,तरोई,सतपुतिया,सेम,कुनरु,परवल,परोरा,आलू, गोभी, गोजर, मूली, प्याज़, लेहसुन, चुकंदर, बदाम, कन्ना,केराव, मसूर, रहर,सोयाबीन, निबू, अनार, संतरा, महुआ, ताड़, खजुर, धनिया,हरदी,सूरन,.....
-युवा कवि गोलेन्द्र पटेल

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