माई हो माई तोहें जियरा पूकारे
चल अउतु घटवा से घरवा दूवारे
अँखियाँ से लोरवा बहे, जइसे बहे गंङ्गाधारा
इन्द्रधनुष टूट गयल ,भईली अनाथ बेसहारा
बीच रहिया पउँवा में चुभ गयल कष्ट कटवा
आई गईलन यमराज देखा नदियाँ के तटवा
तोहें लेई जाता बाटें स्वर्णिमरथ से सारे
यमदूत धुअवा के पथ पे नारे : "राम नाम सत्य है"
कहत चलत तेरह दिन में पहुँच गईलन तारे
माई हो.......
बेटी-बेटा रुअत ह पोता-पोती रुअत ह
तोर पतोहिया रुअत ह रुअत त सारा परिवार
ऐ माई कईसे हम चूल्हा चउका क करुणा गाई
भयलबा जईसे अधेड़ अंधन के आगे उजियार
काशी के नदीत्रयी वरुणा-अस्सी-गंङ्गा में नहाई
पिण्डदान करलन पालल कौएँ को बुलाई द्वारे
माई हो....
-गोलेन्द्र पटेल
No comments:
Post a Comment