ॐ शांति!😭
बीएचयू हिन्दी विभाग के अध्यक्ष व कला संकाय प्रमुख, प्रो. विजय बहादुर सर का असमय जाना मन को व्यथित कर गया। ईश्वर पुण्यात्मा को शान्ति व परिजनों को इस अपार दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः !!!
प्रिय पथप्रदर्शक प्रो. विजय बहादुर सर की स्मृति को समर्पित बारह कविताएँ :-गोलेन्द्र पटेल
1).
शताब्दी अध्यक्ष
हे शताब्दी अध्यक्ष!
मैंने सोचा—
रात की ख़बर
सुबह झूठ साबित होगी
लेकिन ऐसा हुआ नहीं,
यह सच अनहोनी है!
हे शिष्यों के शुक्लपक्ष!
भावभूमि और मनोभूमि के मानवीय मणि
ज्ञान के द्रष्टा, शब्दाग्नि के सर्जक
वक्त के वक्ता, प्रबुद्ध प्राचार्य
प्रिय पथप्रदर्शक विजय बहादुर सर
एक शिकायत है कि आपने कभी मेरी कक्षा ली नहीं
आपकी कक्षा जिन्होंने ली वे भी संवादप्रिय हैं
मैंने आप से पढ़ा नहीं
पर आपको पढ़ा है सर
जब-जब आपके साथ छपा हूँ
खैर , जायसी कहते हैं—
‘फूल मरै पै मरै न बासू।’
हे हिंदी के हृदय !
यह भावभीनी श्रद्धांजलि का समय है
और मैंने यह शिकायत संस्मरण में रोते हुए की है
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः !!!
2).
करवटें
करवटें
बिस्तर पर कहती हैं—
वह नींद
नींद नहीं होती है
जिसके पीछे सपने पड़े हों ;
या फिर आँखों में
उनके स्मरण अड़े हों
जो चले गए हैं!
3).
उदास
नीम बौरा गया है
मौसम है उदास ;
मुरझा गए हैं फूल
खिले रहें जो पास!
4).
दहन-राग
हृदय के भीतर
हृदय का फूटा
दहन-राग ;
दुखी है विभाग!
5).
निःशब्दता
पेड़
यात्रारत हैं ;
परछाइयाँ निःशब्द हैं
सड़क पर!
6).
चिड़ियों की भाषा
चेखुर का
बबूल पर
चढ़ना व्यर्थ है ;
चिड़ियों के पास
बची है
उनकी भाषा
क्योंकि
उनके शब्दों के पास
अर्थ है!
7).
बरछी
सपने
अजीब हैं ;
बरछी की तरह
नींद
आँखों में
चुभ रही है!
8).
अवाक्
ख़ामोशी
सागर की ;
अवाक् कर देती है
नदी को!
9).
स्मृति-प्रसंग
स्मृति
आँखों में
फँस गई है
नींद उड़ गई है
डोर
कट गई है
पतंग की
आसमान भहरा गया
धरती पर!
10).
विदा
यादें
विदा होती हैं
आँसू की बूँदें बन कर
आँखों से ;
जैसे
धरती से नर!
11).
महाप्रयाण
जब कोई अंतिम यात्रा पर
जाता है तब
स्मृतियों के झुरमुट से
गुज़रता हुआ
समय
भावभीनी भावभूमि पर
श्मशान वैराग्य का
गीत गाता है
अभिव्यक्ति के अखाड़े में
शब्द चित है
ज्योति शेष में अटका
प्राण है
स्तब्ध और दुखी भाषा में
भावोद्गार उचित है
जहाँ मिट्टी की महक का
महाप्रयाण है!
12).
मृत्यु
हे मन!
‘मृत्यु’
वैसे ही सत्य है
जैसे जीवन!!
©गोलेन्द्र पटेल
No comments:
Post a Comment