Thursday, 1 September 2022

'देवता' और 'लेवता' में अंतर || 'God' and 'Levata' By Golendra Patel

'देवता' और 'लेवता' में अंतर



'देवता' और 'लेवता'

अभिधा में 'लेवता' का मतलब है लेने वाला और 'देवता' का मतलब है देने वाला। दूसरे शब्दों में, लेवता वह है जो लेता,बदले में कुछ देता नहीं है जबकि देवता वह है जो देता, बदले में कुछ लेता नहीं है।


या

       देवता का शाब्दिक अर्थ देने वाला है और लेवता का अर्थ लेने वाला।


स्पष्टीकरण : जो किसी को कुछ भी चीज़ देता है, वह देने वाला देवता है और जो किसी की दी हुई चीज़ को लेता है, वह लेने वाला लेवता है। जब आपकी 'वृत्ति' में बहुतों के 'कल्याण' करने की भावना स्थायी होने लग जाये, तो आप समझ लीजिएगा कि आप 'लेवता' से 'देवता' बनने की ओर गतिमान हैं। लेकिन कविता में 'देवता' और 'लेवता' दोनों व्यंग्यार्थ की ओर संकेत करते हैं।


प्रयोग : देने वाले को ही देवता कहते हैं और पर्यावरण से बड़ा कोई देवता नहीं है। अर्थात् प्रकृति सबसे बड़ी देवी है। जो देवता के नाम से आपसे फल-फूल, धन-दौलत और प्रसाद-चढ़ावा लेते हैं, वे देवता नहीं, वे लेवता होते हैं। - गोलेन्द्र पटेल


'God' and 'Levata' By Golendra Patel


🙏संपर्क :

डाक पता - ग्राम-खजूरगाँव, पोस्ट-साहुपुरी, जिला-चंदौली, उत्तर प्रदेश, भारत।

पिन कोड : 221009

व्हाट्सएप नं. : 8429249326

ईमेल : corojivi@gmail.com



No comments:

Post a Comment

जनविमुख व्यवस्था के प्रति गहरे असंतोष के कवि हैं संतोष पटेल

  जनविमुख व्यवस्था के प्रति गहरे असंतोष के कवि हैं संतोष पटेल  साहित्य वह कला है, जो मानव अनुभव, भावनाओं, विचारों और जीवन के विभिन्न पहलुओं ...